शनिवार, 11 जनवरी 2014

निकल गये तुम 
बहुत दूर 
लौट पाना 
नामुमकिन तो नहीं 
लेकिन मुश्किल 
है ज़रूर 



शनिवार, 4 जनवरी 2014

स्थिरता

 स्थिरता
कहा  किसी ने व्यर्थ है यह सब
कहा किसी ने केवल छल
कहे कोई यह मात्र कपट है
कहा  किसी ने केवल भ्रम
लकिन सच चाहे मत मानो
कठिन कार्य है यूं ही बहना
उलटी धारा में स्थिर रहना



नव वर्ष की शुभ कामनाएं

  नव वर्ष की शुभ कामनाएं  

हर बात उठे जज्बात लिए
हर काम नया अंदाज़ लिए
हर सोच मुकम्मिल हो सब की
हर दिशा नई आगाज़ लिए
हो सफल सभी प्रयत्न तेरे
मिले पग डगर सुमंगलमय
हो  विश्वास कर-कर्मो पर
अभिलाष जगे नव मंगल मय
 यह वर्ष भरे आलोकिकता
हर पल जगाय नयी चाह
पूर्ण करने को निज सपने
हर पल सजायो कर्मठता