बुधवार, 15 जून 2016

अन्तरात्मा



अन्तरात्मा 

अब यह प्रश्न 
नहीं पूछती 
 मैं कौन हूँ 

 बड़े शोख से 
कहती हैं 
 तुम कौन हो 

कोरे भ्रम ने सब 
कैसे छकाएं हैं 
अस्तित्व के चक्कर में 
सभी भरमाये हैं 

भूल गए भेद सब 
अपने पराये का 
पराये तो पराये रहे 
अब अपने भी 
पराए  हैं 

कैसा असमंजस है 
कैसा  छलावा है 
 प्रेम का ज्वालामुखी  
ठंडा हुआ   लावा है 

परिवर्तन

परिवर्तन


प्रकृति परिवर्तन शील है।  सब कुछ एक नियमित धारा प्रवाह के साथ साथ बदलता रहता है।  ऋतुएं ,वातावरण , भूगोल ,वायुमण्डल, । और तो और परिवर्तन तो सौर मंडल में भी होता रहता है।  आंतिरक एवं  बाहरी परिवर्तनों से घिरा प्राणी जगत भी इन परिवर्तान से अछूता  नहीं है।

प्राणियों  में होने वाले शारीरिक ,मानसिक,आत्मिक,आद्यत्मिक परिवर्तन भी काल चक्र के साथ गतिशील हैं

परिवर्तन एक सुनिश्तित ,अकाट्य तथ्य है।  जिसकी अवमानना ,अवज्ञा ,अवहेलना कोई भी नहीं करता।

इसे जितनी सहजता से स्वीकारा जाए , यह परिवर्तन निशित रूप से सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत बन जाता है

और विपरीत हो तो यह नकारात्मक ऊर्जा का एक ऐसा प्रवाह बन जाता है जो विनाश की साक्षात् प्रतिमूर्ति बन जाता है

आइए ! इस होने वाले पल प्रतिपल के परिवर्तन को स्वीकार करे , उसका अंगीकार करे. अनुभव करें एवं अपने आप को तैयार करे..

परिवर्तन शील जीवन को  तथस्ट करने के लिए स्वयं को भी परिवर्तित करे


मंगलवार, 14 जून 2016

M .B डी के साथ एक सफर


M .B  डी  के साथ एक सफर

सफर ?
नहीं !!!!!
मात्र नहीं है यह सफर

यह है। ...

' मेरी बेमिसाल डगर '

एक ऐसा पथ
जो   जीवनभर 
 करता रहा आकर्षित
पा कर जिसे मन
 अब हो गया हर्षित

 दफ्तर के मुख्य द्वार पर
एक महान  व्यक्ति का चित्र
कितना जीवंत ! कितना प्रेरक!!
जीवन  से भरा यह चित्र
जिसने बनाया सब को अपना मित्र

साक्षात दर्शन है यह चित्र !!
जो !!!!
प्रेरणा देता है 
जीवन को पाने की
आकांक्षाए जन्माने की
सोये स्वपन जगाने की
कल्पनाएं ,यथार्थ बनने की

बढ़  उठे कदम मेरे
"मेरी बेमिसाल डगर' पर
झंकृत हुए साज सब
श्रम कुठार लिए  कर

मिल गई तूलिका
चित्रलेखा बनने को 
प्राची  से रंग ले
नव विहान रंगने को
पंख  मिल गए मुझे
ऊँची उड़ान भरने को 
मिल गया गगन एक
अनन्त  तक पहुँचने को
हुआ अग्र्सरित जीवन
पाने एक मुकाम को
तरनि की लहरों पर
जीतने जहान को

श्यामल -शस्य  रहे  डगर
सुजल सुफल  रहे असर
निष्कंटक जैसी अमर बेल
 रहे तेज   प्रबल ,प्रखर