मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

 

घना अँधेरा पथ पर छाया 

जीवन सूखा  रूख़ मुरझाया 

आशा की ज्योति  फीकी सी 

दिखता सब कुछ  अन सुलझाया 

भीतर कृष्णा लुप्त  हुआ है 

जीवन मन्त्र सुप्त  हुआ है 

कण -कण जैसे ढूंढ रहा हो 

निर्जन चारों व्याप्त हुआ है 

निशिता की जीवन बेला है 

संपन्न कहाँ सब काज हुए है ?

ज्ञान ध्यान सब धूमिल करता 

संशय, दुविधा, व्याप्त हुए है. 

ओ गिरिधर ! ओ नटवर नागर 

ज्योति बिम्ब हे तेजपुंज 

नईया लहरों में अटकी है 

हाथ पकड़ कर पार लगाओ 



माँ है एक, सुधा सी जो

आशीष रस पान कराती जो

कर दूर अंधेरा जीवन का

पग पग दीप जलाती जो

कोईं भेद नही अंतर्मन में

हर जन पर प्रेम लुटाती जो

सुधियों में छोडे छाप अमिट

मुक्त हास बिखराती जो

अब गोलोक को गमन किया

मुक्त हुयी हर बंधन से

युग युग तक अमर रहो माँ तुम

रहो प्रेम सुधा बरसाती तुम

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017


लुकछिप उसका सूरज  चढ़ता 
लुकछिप रोज़ उतरता 
लुकछिप रोज़ घटाएं छाती 
लुकछिप मेघ बरसता 

बुधवार, 15 फ़रवरी 2017

Bindoo

Anbhigy bahut anjaan bahut 
Log huye gumnaam bahut
Tere sachhe man darpan par
Kuch jhoothe Kuch badnamm bahut

Jo chale gye vo bhool gye
Jo bhool gye vo chale nahi
Kali raaton ke ujle panne
Karte tera gungaan bahut

Chale bees varsh anvart chaal
Na thake ruke na sust chaal
Chalte the antim roz dagar
De kadam kadam par vahi taal

Poshit krne vishbelon ko 
Rhe sda tum nij vimuk
 sahaz prabal sanghrash yukt
Tum aaj huye jag se vimukt

Hai naaz hame tum par bindoo
Tum ho aadi tum hi anant
Kan kan mein ab tum leen huye
Raho shishro mein ban kar basant

बुधवार, 31 अगस्त 2016

किंजल


प्रबल धवल उज्जवल शीतल
स्निग्ध,सरस सरल  मन  निश्छल
झरते निर्झर के सुंदर कण जल
उच्श्रंखल तरणि सी चंचल 

बुधवार, 24 अगस्त 2016

अपनी प्यारी बेटी से

अपनी प्यारी बेटी से

तुम रहो कही भी इस जग में
लेकिन  हो हर पल मेरे पास
कैसे भी मौके आये जीवन में
साथ तुम्हारा रहा है साथ

हर पल संग बिताया हमने
हर पल जश्न मनाया हमने
सुख दुःख रस  संग पिया है हमने
हर पल क्षण  संग जिया है हमने

धन्यवाद करती हूँ प्रभु का
संग तुम्हारा मुझे  दिया है
स्वर्णिम पल है जीवन को वोह
साथ तुम्हारा प्राप्त हुआ है

तुम खूब बढ़ो तुम खूब पढ़ो
तुम अमर गान भी खूब कहो
तुम रुनझुन रुनझुन बजने वाले
किंजल के नाम को  ध्वनित  करो 

शनिवार, 13 अगस्त 2016

शुभ आशीष !!! जन्म दिवस पर विशेष

शुभ आशीष !!!

जन्म दिवस पर  विशेष 


 बढे कदम तो जग चले 
रुके कदम तो जहां रुके 
धरती थम कर नमन करे 
हो यश गान तो नभ झुके 

गुंजित दसों  दिशाएँ हो 
पाताल ,व्योम भी ज़िक्र करें 
नक्षत्र ,राशियां कर्क, तुला 
हर दम  तेरी फ़िक्र करे 

काल चक्र जो घूमे  पल पल 
कदम से तेरी चाल  चले 
जीवन मुक्त हो हर बाधा  से 
खुद केशव तेरी ढाल बने 

जन्मदिन की भेंट दे तुझ को 
प्रेरित वर्ष का हर क्षण करें 
करें मुबारिक  और  मुबारिक 
नूतन अर्पण भेँट करे