बुधवार, 24 अगस्त 2016

अपनी प्यारी बेटी से

अपनी प्यारी बेटी से

तुम रहो कही भी इस जग में
लेकिन  हो हर पल मेरे पास
कैसे भी मौके आये जीवन में
साथ तुम्हारा रहा है साथ

हर पल संग बिताया हमने
हर पल जश्न मनाया हमने
सुख दुःख रस  संग पिया है हमने
हर पल क्षण  संग जिया है हमने

धन्यवाद करती हूँ प्रभु का
संग तुम्हारा मुझे  दिया है
स्वर्णिम पल है जीवन को वोह
साथ तुम्हारा प्राप्त हुआ है

तुम खूब बढ़ो तुम खूब पढ़ो
तुम अमर गान भी खूब कहो
तुम रुनझुन रुनझुन बजने वाले
किंजल के नाम को  ध्वनित  करो