Srijan
बुधवार, 31 अगस्त 2016
किंजल
प्रबल धवल उज्जवल शीतल
स्निग्ध,सरस सरल मन निश्छल
झरते निर्झर के सुंदर कण जल
उच्श्रंखल तरणि सी चंचल
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