मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

आविष्कार करो

आविष्कार करो 

हो अग्रसारित अपने पथ पर 
विचलित न हो कण मन का  
मंजिल पर जब पड़े कदम 
वह मील पत्थर बने  जग का 

तुम चलो ज़माना पीछे चले 
तुम रुको अचंभित हो जग यह 
तुम करवट लो तो उठे बवंडर 
तुम बदलो तो यह जग बदले 

तुम तेज़ धार तलवार सरीखे 
तुम विश्व रचियता नव युग के 
तुम कर्मठता के तेज़पुंज 
कुछ रचो नया कर्तव्य है यह 

पहचानो बल अपने श्रम का 
पुरुषार्थ करो पुरुषार्थ करो 
तुम तकनीकी पारंगत 
कुछ रचो नया ,  आविष्कार करो