रविवार, 13 मार्च 2016

मिलन



मिलन 

मित्रों!  यह पंक्तियाँ मेरे  मित्रों के लिए जो इस जीवन  के प्रथम चरण  सफर में साथ चले  ,  परिस्थितियों  वश   अलग हुए और आज लगभग ३५  वर्षो के उपरान्त  पुनः मिल गये  अपनी अपनी मंजिल की ओर अग्रसर।  

कुछ मित्र मिले नए 
 कुछ मिल गए पुराने 
जीवन के पन्नो पर  
इतिहास को  दोहराने 

संघर्षो के साथी थे 
प्रमाण सफलता के 
पल पल बीते पल की 
स्मित को पहचाने 

कुछ वक्त गुज़ारा संग में 
कुछ ख्वाब  बुने थे मिलकर 
साकार किये वो सबने 
तंतु  से ताने -बाने 

वह आज भी जिन्दा है
हर भाव से मुखातिब
हर सांस में बसें वो
तकल्लुफ से अनजाने

बीत गया पल कितना 
जीवन बदला सारा 
हैं आज भी  हम बचपन में 
मित्र  बस तेरे बहाने