जीवन के कुछ पल
खोये तो जाना
यह जीवन है
जीवन के कुछ पल
पाये तो जाना
यह जीवन है
कब पंख लगा कर
उड़ जाते हैं
कब आस अधूरी
बन जाते है
कब सुबह सुहानी
बन कर उभरे
कब शाम रूहानी
बन कर ढलते
जीवन के कुछ पल
कब विजय कदम
मंजिल तक पहुंचे
कब हार मान कर
पथ से भटके
कब मित्र बने और
साथ खड़े हो
अनजान कभी
बेगाने बनते
जीवन के कुछ पल
स्मृतियों के चल चित्रों पर
धूमिल ,उज्जवल छाप छोड़ते
बनते ,मिटते आकारों की
अदभुत एक फुहार छोड़ते
कुछ खोने , कुछ पा जाने का
मिश्रित सा उपहार छोड़ते
जीवन के कुछ पल