मेरी माँ
कभी जब मन अंधकार में डूब जाता है ,
कभी जब तन थकन से बोझिल हो जाता है
कभी जब हिम्मत की नाव हिचकोले खाने लगती है
तब तब माँ आती है और चुपके से झुके हुए कंधे पर
अपना प्यार भरा हाथ रख देती है . नव चेतना भर देती है
और पुन्ह जीने के बहुत से नये आयाम सामने रख देती है
शत शत नमन माँ . शत शत नमन !
माँ जो मर कर भी नहीं मरती ....माँ जो सदा अपने आत्मा का स्पर्श बनाए रखती है ......माँ जो इस दुनिया में नहीं है तब भी हर पल मेरे साथ है और ....