आशा
करता हूँ अनुरोध यह तुमसे
मत करो पुन्य पाप का लेखा
जीवन के इस जल तरंग में
ना जाने कितने गीत और बजने है
चलते चलते यूं रूक जाता
गिरता जो तो संभल नहीं पाता
रज कण से लिपट नहीं पाता
धूलि ना मस्तक पर धर पाता
करता हूँ अनुरोध यह तुमसे
मत करो हार जीत का विवरण
जीवन के इस उतार चढाव में
ना जाने कितने जीत और सजने है
करता हूँ अनुरोध यह तुमसे
मत करो पुन्य पाप का लेखा
जीवन के इस जल तरंग में
ना जाने कितने गीत और बजने है
चलते चलते यूं रूक जाता
गिरता जो तो संभल नहीं पाता
रज कण से लिपट नहीं पाता
धूलि ना मस्तक पर धर पाता
करता हूँ अनुरोध यह तुमसे
मत करो हार जीत का विवरण
जीवन के इस उतार चढाव में
ना जाने कितने जीत और सजने है