शक्ति
हरी भरी इस वन्सुन्धरा पर
जाने कितने हिमपात हुए है
रक्त सितारों वाले परीधर
तार -तार ,बेजार हुयें है
खेल खेल में कितनी कलियाँ
मसली और कुचल डाली है
अहम दंभ के आडम्बर में
कितने अत्याचार हुए है
ख़तम न होगी फिर भी देखो
संचित शक्ति की गज़ब अमानत
पशुता का दम भरने वालो
लानत है ! तुम सब पर लानत