वर्ष २०१५
वक्त बहे जाता है यारो
यादें अनुपम छोड़ कर
पलट कभी यह फिर न आये
मिलने किसी भी मोड़ पर
आज अभी है ,आज सभी है
जी बस तुम जी भर कर
कहां गया ,कब आएगा
तज दो व्यर्थ का चिंतन
पल पल हाथ में है तेरे
जी लो बस तुम जे भर कर
वक्त बहे जाता है यारो
यादें अनुपम छोड़ कर
पलट कभी यह फिर न आये
मिलने किसी भी मोड़ पर
आज अभी है ,आज सभी है
जी बस तुम जी भर कर
कहां गया ,कब आएगा
तज दो व्यर्थ का चिंतन
पल पल हाथ में है तेरे
जी लो बस तुम जे भर कर