बस एक
विशाल काये हुआ है पर्वत .लेकिन उसका शिखर एक
विस्तृत दरिया बहता जाए लेकिन उसका उद्गम एक
फूलों से भरा है उपवन ,लेकिन उसका माली एक
रत्नों से भर रहे भंडारे ,लेकिन लाल चमकता एक
सौरमंडल में कितने तारे लेकिन जीवन दाता एक
जंगल में है कितने प्राणी लेकिन सिंह दहाड़े एक
उन्नत पथ पर कदम बढे तो क्यों मन दुविधायों में डूबे
दुविधाओं के पंकिल सर में ,मुस्काता बस नीरज एक
विशाल काये हुआ है पर्वत .लेकिन उसका शिखर एक
विस्तृत दरिया बहता जाए लेकिन उसका उद्गम एक
फूलों से भरा है उपवन ,लेकिन उसका माली एक
रत्नों से भर रहे भंडारे ,लेकिन लाल चमकता एक
सौरमंडल में कितने तारे लेकिन जीवन दाता एक
जंगल में है कितने प्राणी लेकिन सिंह दहाड़े एक
उन्नत पथ पर कदम बढे तो क्यों मन दुविधायों में डूबे
दुविधाओं के पंकिल सर में ,मुस्काता बस नीरज एक