जाने दो !!!!
भूल चुका रास्ता अब उस दर -ओ दीवार काकोई भी अब रह गुज़र राह दिखलाती नहीं
कर दिया गुमराह अब बेनाम अंधेरों ने मुझे
कोई भी अब नव किरण मार्ग चमकाती नहीं
लग गयी जो आँख समझा तुम ने भी था ए दोस्त
दे गयी है यह दगा अब याद भी भाती नहीं
मत करो तुम भी अभी मेरी उदासी का इलाज
जाने दो ! कोई तक़रीर अब मुझको सुहाती ही नहीं