वक्त की चोट जब लगती है गहरी
दर्द ख़ुशी का बन जाता है प्रहरी
बन जाते हैं अश्क दिल की जुबानी
भीगे हुए नयन कहें दिल की कहानी
ज्वार उमड़ आता है दिल के समुंदर में
घुटते है अरमान किसी घायल परिंदे से
क्या बात करे इस दिल की
कब तक इस बहलायेगा
दिल ही तो है यह आप ही संभल ही जाएगा
कौन रोक पाया है उफनते दरिया को
यह वक़्त ही तो है गुज़र ही जाए गा ...
दर्द ख़ुशी का बन जाता है प्रहरी
बन जाते हैं अश्क दिल की जुबानी
भीगे हुए नयन कहें दिल की कहानी
ज्वार उमड़ आता है दिल के समुंदर में
घुटते है अरमान किसी घायल परिंदे से
क्या बात करे इस दिल की
कब तक इस बहलायेगा
दिल ही तो है यह आप ही संभल ही जाएगा
कौन रोक पाया है उफनते दरिया को
यह वक़्त ही तो है गुज़र ही जाए गा ...