गुरुवार, 9 जून 2011

Tere liye!


तेरे लिए !

है अपराध अगर करना प्यार  तुमसे 
हाँ ! तो यह गुनाह किया है हमने  
अगर मुश्किल तेरा मेरे साथ चलना 
हाँ ! तो यह  भी  स्वीकार किया  हमने  
जाओगे इस तरह हो   कर खफा हमसे 
हाँ ! डरते थे ,ना कभी शिकवा किया हमने 
लौट कर आओ गे तुम फिर पास मेरे कभी 
हाँ ! यही सोच कर इंतज़ार किया  हमने  
रखे सलामत  हर दम इस रूह को  खुदा 
हाँ ! दिन रात दुआ मांग सजदा किया  हमने