शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

nas nas mere aan base tum

नस नस मेरे आन बसे तुम  !!

कौन हूँ मैं,  क्या अस्तित्व है मेरा
तुम बिन गौण व्यक्तित्व है मेरा 
तुम रूकते! तो मैं रूक जाती
तुम चलते! तो मैं चल पाती
श्वास श्वास में तेरी साँसे
हर धड़कन में तेरी बातें
अंग अंग में  तेरी खुशबू
दिल में बसी तेरी जुस्तजू
मैं हूँ तब भी  मैं नहीं मुझ में
सरगम हूँ पर स्वर नहीं मुझ में
तुम तो तुम हो ,मैं भी तुम हो
हर इक रंग में मेरा रंग हो
मौन ,मुखर ,निशब्द रहे  तुम
पीड़ा हर्ष अवसाद सहे  तुम
हर श्रेणी आलिंगन कर के
  नस नस  मेरे आन बसे  तुम