रहिए अब ऐसी जगह
घबरा गया हूँ अब तेरी यादो की जकड़न से
कैसे हो पाऊँ मुक्त तेरे वादों की पकड़न से
सोचा चला जाये किसी ऐसे गगन में
जहा तेरी यादों के बादल ना तैरते हों
सोचा चला जाए किसी ऐसे धरातल पर
जहा तेरी यादों के जाल ना फैलते हो
बन जाऊं कोई ऐसा निर्झर
जो बिना तेरे नाम के कल-कल बहता हो
हो जाऊं कोई ऐसा साग़र
जिसमे तेरे नाम का ज्वार ना आता हो
चल कर रहूँ अब ऐसी जगह
जहां अब और कोई रहता ना हो
घबरा गया हूँ अब तेरी यादो की जकड़न से
कैसे हो पाऊँ मुक्त तेरे वादों की पकड़न से
सोचा चला जाये किसी ऐसे गगन में
जहा तेरी यादों के बादल ना तैरते हों
सोचा चला जाए किसी ऐसे धरातल पर
जहा तेरी यादों के जाल ना फैलते हो
बन जाऊं कोई ऐसा निर्झर
जो बिना तेरे नाम के कल-कल बहता हो
हो जाऊं कोई ऐसा साग़र
जिसमे तेरे नाम का ज्वार ना आता हो
चल कर रहूँ अब ऐसी जगह
जहां अब और कोई रहता ना हो