दर्द का फूल
अश्कों ने सींच दिया मेरे गम को
अब तो चारो और हरियाली है
फूल बन कर दर्द मुस्कुराता है
चमन की फिजा ही निराली है
बन गई दुखों की लाखों क्यारियाँ
बंट गई अब इक धरा सरीखी जिंदगी
बोए बीज आशा के हम ने भी झूम झूम
मुश्किलों के दीमक ने चाटी जैसे जिंदगी
बेबसी के फलसफे से लिखी इबारतें
भाग्य को बदलने की कोशिशें करती है
निशित अनिश्चित के झूले में झूल कर
प्रयतन का मकरंद झोली में भरती है
खिले फूल दर्द के , संग शूल सुखों से
नस नस में गर्म रक्त दौड़े मेरे प्राण से
बीज तो था आशा का , बड़ा हुआ हताश से
गिनते है रोज़ सुख-शूल, फूलों की ओट से
अश्कों ने सींच दिया मेरे गम को
अब तो चारो और हरियाली है
फूल बन कर दर्द मुस्कुराता है
चमन की फिजा ही निराली है
बन गई दुखों की लाखों क्यारियाँ
बंट गई अब इक धरा सरीखी जिंदगी
बोए बीज आशा के हम ने भी झूम झूम
मुश्किलों के दीमक ने चाटी जैसे जिंदगी
बेबसी के फलसफे से लिखी इबारतें
भाग्य को बदलने की कोशिशें करती है
निशित अनिश्चित के झूले में झूल कर
प्रयतन का मकरंद झोली में भरती है
खिले फूल दर्द के , संग शूल सुखों से
नस नस में गर्म रक्त दौड़े मेरे प्राण से
बीज तो था आशा का , बड़ा हुआ हताश से
गिनते है रोज़ सुख-शूल, फूलों की ओट से