इल्तिजा
"बहुत अच्छे लगते हो तुम इस दिल को "
यह बात बहुत पहले से ही जानते थे हम
पर देख सिलवटे परेशानी की पेशानी पर तेरी
तड़प उठेगा दिल यह भी
इस का कभी एहसास ना था
छू लिया जब हमने तेरे जजबो को
उन सर्द शामो में
सर्द हो जायेंगे दिल के शोले मेरे भी
इस बात का आभास ना था
है इल्तिजा अब उस गर्म हवा से जो करती है हैरान तुझे
भूले से भी ना गुज़रे छू कर कभी दामन तुम्हारा
गर्मी हम से झेली जाएगी उन बिगड़ी हवाओं की
ना झेला जाएगा हम से
इस दिल का दर्द दोबारा