ऐसे देश को क्या कहिये
जहां हर पल को सिसकते देखा
भूख से दम निकलते देखा
चिलचिलाती धूप से बेदम
बचपन आज बिलखते देखा
जहां इक श्वास को ले कर
सारा जीवन तडपते देखा
विचलित यौवन भटकते देखा
तर्साहत लिए बुढापा देखा
झूठ ओर सच के झीने परदे
तार तार कर फटते देखा
ऐसे देश को क्या कहिये ?