साथ तुम्हारा
नहीं करते बात तो मत करो
जान तो नहीं निकल जायेगी
मुश्किल वक़्त है
उलझन में हूँ
जो मुसीबत आयी है
वह टल भी जायेगी
रहती है इच्छा हर पल रहो तुम साथ
मन का विश्वास और आस्था
जो पनपी है तुम्हारे प्रति
बार बार देती है दिलासा और यकीं
कि दे कर दस्तकें लौट जायेंगी
यह सब मुश्किलें
ना कर पाएंगी घर, जीवन में कभी
तुम जो चलो साथ मेरे तो
मंजिलें भी हो जाएँ आसान
तुम जो रहो साथ मेरे तो
छू लू बढ़ के आसमान
साथ मिल जो जाए तुम्हारा बार एक
छोड़ जाऊ धरती पर अपने कदमो के निशां