दिल एक परिंदा
यह सच है कि दिल की गहराई को
कोई नाप नहीं सकता
लब है कि हमेशा मुस्कुराते ही रहे
कितना दर्द छुपा है इस दिल में
कोई भांप नहीं सकता
जलते ही रहे जखम जो मुझ को मिले थे
उन जख्मो से उठे धुएं को
कोई रोक नहीं सकता
ना दो तुम बुझते हुए शोलों को और हवा
इक आग वो भड़के गी जिसे
कोई बुझा नहीं सकता
किश्तियाँ यूं ही किनारों पे खड़ी रह जायेंगी
दिल का कोई भी दरिया अब उनको
पार लगा नहीं सकता
ना करो तुम भी तम्मना अब
इस दिल को यूं छूने की
तन्हाई के पिंजरे में कैद
कमबख्त ऐसा परिंदा है
जिसे कोई भी हमदर्द
बेकैद करा नहीं सकता
यह सच है कि दिल की गहराई को
कोई नाप नहीं सकता
लब है कि हमेशा मुस्कुराते ही रहे
कितना दर्द छुपा है इस दिल में
कोई भांप नहीं सकता
जलते ही रहे जखम जो मुझ को मिले थे
उन जख्मो से उठे धुएं को
कोई रोक नहीं सकता
ना दो तुम बुझते हुए शोलों को और हवा
इक आग वो भड़के गी जिसे
कोई बुझा नहीं सकता
किश्तियाँ यूं ही किनारों पे खड़ी रह जायेंगी
दिल का कोई भी दरिया अब उनको
पार लगा नहीं सकता
ना करो तुम भी तम्मना अब
इस दिल को यूं छूने की
तन्हाई के पिंजरे में कैद
कमबख्त ऐसा परिंदा है
जिसे कोई भी हमदर्द
बेकैद करा नहीं सकता