Srijan
रविवार, 16 जनवरी 2011
Aaj hawa asmanjas main hai
आज हवा असमंजस में है
मंद बहूँ तो सौरभ तड़पे
तेज़ चलूँ तो माटी मचले
दिशा बदलूँ तो नाविक क्रोधित
बदलूँ धारा हो मौसम परिवर्तित
रूक जाऊं तो जीवन ठहरे
क्या मै करूं कुछ तो कह रे !
आज हवा असमंजस में है !!!!!
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