हंसी
गर हँसना निर्भर करता है किसी घटना पर
तो हंसी वाकई बिकती है बाजारों में
गर हँसना निर्भर करता है सम्मलेन पर
तो हंसी वाकई मिलती है त्योहारों पर
हंसी के बदले गर तुम्हे ना मिले हंसी
तो समझ लो तुम भी शामिल हो खरीदारों में
हँसना तो एक आदत है जो शुमार हो जीवन में
हँसना इबादत है जिसका एह्त्माद हो जन मन में