शनिवार, 23 अप्रैल 2011

Antheen.....

अंतहीन ........
यह जीवन
 एक अंत हीन यात्रा
जहा मन अपने से अलग हो
ढूंढता है
अपने अस्तित्व को
भटकता रहता है
व्योम में
वायुमंडल में
जल थल नभ में
कोशिश करता है
छूने को हर एक पल
और हर पल गुज़र जाता है 
छू कर मन को
और
 यह विचित्र मन
ढूंढता रहता है
अस्तित्व अपना
इस अंतहीन यात्रा में.........