Srijan
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011
oorjaayen jeevan ki
ऊर्जाएं जीवन की
मन को
उध्वेलित करती हैं
कामनाएं
भ्रमित करती है
भावनाएं
स्पंदित करती हैं
संवेदनाएं
आंदोलित करती है
उपेक्षाए
पीड़ित करती हैं
अपेक्षाएं
प्रताड़ित करती हैं
आलोचनाएँ
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