गुरुवार, 14 अप्रैल 2011

pyaar khuda ki bandgi hai

प्यार खुदा की बंदगी है !!

बेचैन बहुत हैं मिलने को
यह बात समझते हो तुम भी
मिलने को रोज़  तडपते हो
यह राज छुपाते हो तुम भी
रूक जाती है धड़कन दिल की
मेरे  कदमो की आहट से
हो जाती है अपलक नज़र 
मेरे  आने की चाहत से
मेरी चाहत में कितना दम है
यह रोज़ परखते हो तुम भी
प्यार के मोती गिनने  को
कागज़ पर लिखते हो तुम भी
चलो आओ फिर इकरार करें
इस चाहत का इज़हार करें
यह प्यार खुदा की बंदगी है
इस बंदगी का गलहार करें