हृदय हमेशा बच्चा रहता
गर ह्रदय हमेशा रहता बच्चा
निष्कपट निस्वार्थ और भोला-भाला
उन्बूझ रहस्य से अनभिग्य ,मतवाला
उन्मुक्त सोच होती वसुधा पर
न होता कल्पना का कोई रखवाला
जीवन होता रस से पूरित
और पनपता सीधा सच्चा
गर ह्रदय हमेशा रहता बच्चा
विसंगतियों को लग जाता जाला
न निस्वार्थ प्रेम पर होता ताला
मैं उत्सुकता में हर पल जीता
मेरा नव रचना में हर पल बीता
भेद-भाव न होता दिल में
मन हर प्राणी को समझे अच्छा
गर ह्रदय हमेशा रहता बच्चा