वफ़ा
फिर यूं कभी वादा ना हम से किया करो
गर हो कभी यह इल्म इसके संग जिया करो
वर्ना बेवफाई का सबब ना पूछ पाओगे
भीड़ में खो जायगें, ना ढूंढ पाओगे
वफ़ा जब लौट कर आएगी हम को आजमाने को
बचेगा कुछ भी ना अवशेष हम को मनाने को
लौटा ना पाएंगी तुम्हारी दस्तकें मुझको
मुझे यूं मौत ले जाए , तुम खड़े मौत को तरसो.