मंगलवार, 7 सितंबर 2010

Tumhara ehsaas

तुम्हारा एहसास

आकर मुझे यूं , जब मुझसे चुराया तुमने
जागते हुए कोई  ख्वाब दिखाया तुमने
भूल चुके थे कभी दर्द भी होता है सीने में
चुपके से आकर यह एहसास जगाया तुमने
अपने हाथो की लकीरों में मुझे यूं बसाया तुमने
प्यार का  दस्तूर हर वजह निभाया तुमने
मर कर भी ना कभी होंगे जुदा हम दोनों
हर सांस की  आवाज़ में यह गीत सुनाया तुमने
कितने तन्हा , बिन तुम्हारे थे यह जाना हमने
जी कर भी ना जिन्दा थे यह माना हमने
जल उठेंगे हज़ारो  चिराग यूं राहों में
अपने प्यार का दिया , जब  दिल में जलाया तुमने