बिखरे मोती चुनेगा कौन?
बंद पलक जो बुने थे सपने
खुली पलक वह हुए ना अपने
अपनों से अब मिलेगा कौन
टूटे सपने बुनेगा कौन?
कह लेते थे दिल की बातें
आँखों से जब होती बरसातें
अब दिल की बातें सुनेगा कौन?
अश्रु आँखों के पौंछेगा कौन?
जैसे सागर तट पर मोती बिखर गये
वैसे हम तुम दोनों बिछड़ गए
अब बिछड़ों से मिलेगा कौन?
बिखरे मोती चुने गा कौन?