रविवार, 24 जुलाई 2011

paisa yaan prem

पैसा याँ प्रेम


पैसा ज़रूरी है जीवन के लिए
लेकिन ज़रूरी नहीं रिश्तो के लिए
रिश्तों की बुनियाद प्रेम है पैसा नहीं
पैसा व्यवहार है ,प्रेम निः स्वार्थ है
पैसे का मोल है , प्रेम अनमोल है
पैसा चल है , अद्भुत छल है
प्रेम अमर है ,शाश्वत , अजर है
पैसे और प्रेम  का अध्भुत नाता है
एक वक्री , दूजा  सरलता का ज्ञाता है
करो ना तुलना तुम पैसे की प्रेम से
एक  धरा पर  श्रापित है तो दूजा
नैसर्गिक अधिष्ठाता है