रूठा रब मनाता हूँ
रहता हू मै डूबा प्यार के उथले समुन्दर मे
खुदा खुद सामने भी आ जाये तो बेखबर ही रहता हूँ
तस्सुवर यार का जब् हो तो सिजदे मे सर झुकाता हूँ
करेगा कौन अब एतबार मेरी मासूमियत का दोस्त
डूबा बेखुदी में भी तो तुम को ही बुलाता हूँ
खुदाया अब खुदा भी हो नहीं सकता खफा मुझसे
डूब कर यार के इस प्यार मे, रूठा रब मनाता हूँ