शनिवार, 23 जुलाई 2011

rootha rab manaataa hoon


रूठा रब मनाता हूँ

खुदा जाने कि क्या है  अब  यह  जिन्दगी मेरी 
रहता हू  मै डूबा प्यार के उथले समुन्दर मे 
खुदा  खुद सामने भी आ जाये तो बेखबर ही रहता हूँ 
तस्सुवर यार का जब् हो तो सिजदे  मे सर झुकाता हूँ
करेगा कौन अब एतबार मेरी मासूमियत का दोस्त 
डूबा बेखुदी में भी तो तुम को ही  बुलाता हूँ 
खुदाया अब खुदा भी हो नहीं सकता खफा मुझसे 
डूब कर  यार के इस प्यार मे,  रूठा रब मनाता हूँ