शनिवार, 2 जुलाई 2011

chalo chodo


चलो छोड़ो !!!

देख कर भी जो कर देते है अनदेखा 
जीवन के पन्नो पर  खींच लेते  है रेखा 
ना बदला है ना बदलेगा ,अंदाज़ जीने का 
बस सीख  लिया  ढंग नया आंसू पीने का 
खंजर अब  चुभेगा जो दिल पर तो देखेंगे 
कौन कितना रिसता है ,बहता है ,सोचेंगे 
चलो छोड़ो हंसो तुम भी अब ऐ नीरज 
आजमा चुके अब  सब ढंग जीने के