खुद से मिल तो लेती मैं
मिल ही लेती खुद से मैं
बाद तेरे जाने के
फुसफुसा कर कान में
चुपके से कहती यह हवा
मिल ही लेती खुद से मैं
तेरा आना ,चले जाना
चुपके चुपके यूं मिलना
मिल कर फिर बिछड़ जाना
आहट बन कर आ जाना
और बे आहट चले जाना
धड़कन में बसे रहना
जीवन से चले जाना
सागर में उठती लहरे
भीगे तट को छू कर जब
रीते मन से जाती हैं
धारो से पुनह मिलने
मन ही मन में कहती हूँ
खुद से मिल तो लेती मैं