रविवार, 22 अप्रैल 2012

एक वक्तव्य

एक वक्तव्य

वक्त ने कहा वक्त से
चलो अभी वक्त है
कहा वक्त ने वक्त से
नहीं अभी नहीं वक्त है
जद्हो जहद बढती रही
रस्साकशी चलती रही
वक्त की इन सगर्मियों में
खूब बहा वक्त भी
थक गया रूक गया
खूब सहा वक्त भी
 वक्त की चेतना
वक्त की अवहेलना
वक्त की बरबादियाँ
वक्त की आबादियाँ
वक्त की सरहदों पर
वक्त का आभास है
वक्त को जीत लो
वक्त का अभाव है