सोमवार, 30 अप्रैल 2012

नाम

नाम
बदली क्या तुम ने नज़र
दिन बदलते ही रहे  
मील के पत्थर सभी  
रास्ते बनते रहे
मुस्कुराये शूल तब
फूल बन खिलते रहे
उमड़ते दरिया सभी
सुगम से झरते रहे 
 जुगनुओ के दीप थे
टिमटिमाते ही रहे
मिल गया जो नाम के
तेरे मुझे ऐसा स्पर्श
नागमणि सी बाम्बियों में
जगमगाते ही रहे