बुधवार, 23 नवंबर 2011

सोया तूफ़ान

सोया तूफ़ान
चेतनता का हुआ शंख नाद
उठने लगी अंतस  में ज्वाल
फड़क उठे सब बाहू चाप
हिल  उठी धरा ,नभ ,पाताल
उठ बढे पथिक सिंहो की चाल
ग्रसने जीवन का शिथिल काल
मृतिक  शिरा में आयी जान
जाग पड़ा सोया तूफ़ान !!
मेघ  छलकाए अमिय कुंड
बही समीर प्रबल प्रचंड
द्रुत दामिनी की कौंध चौंध
हरती मन तम भरे ओजस औंध
बीहड़ पथ के करुना क्रन्दन
लगे चहकने लिए विजय सोंध
नर्तक हुयेसब  जो थे बेजान
जाग पड़ा सोया तूफ़ान !!