बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

fainsla

फैंसला
फैंसला जब से किया तुमको भूल जाने का
और भी ज्यादा हमे तुम याद आने लगे
सोच  जब हम ने लिया तुम से दूर जाने का
और भी ज्यादा तुम नजदीक तर आने लगे
हम तो ख्वाब में भी ना ख्वाब यह देखा किये
और तुम तस्वीर - ऐ -हकीकत बन सामने आने लगे
पलट कर जब देखते है तो हैरान होते हैं बहुत
किस तरह तुम चार सु हरदम नज़र आने लगे