कहाँ हो तुम
जहां कहीं भी नज़र दौड़ाओगे
हँसता खिलखिलाता मुझे पायोगे
इन हवाओं में शोख फिजाओं में
अम्बर के सितारों में
धरती के नजारों में
दरिया की रवानी में
बादल की कहानी में
तुमने मुझे कभी बुलाया ही नहीं
अपना कभी बनाया ही नहीं
क्या कहते हो "मैं कहाँ हूँ"?
जहां कोई ना पहुँच पाया
मैं तो हमेशा वहां हूँ