शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010

lahren

लहरें
उध्वेलित हो कर उठती लहरें
तट से टकरा जाती हर बार
तुम साथ चलो करती अनुरोध
पर तट का करते देख विरोध
सोच रहीं विषय एक बार
क्यों आती हैं हम इस तट के पास
रोक ना पाया कभी यह  हम को
ना कभी यह चला हमारे साथ