मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

geet tumhare hain

गीत तुम्हारे है

कैसे कह दूं कि
मेरे गीतों में तुम ही बसे हो
कैसे कह दूं कि हर एक
हर्फ़ में अक्स है तेरा
कैसे कह दूं कि हर एक
 धुन में साज है तेरा
तुम से  ही तो गीत जवान हुए  है
गीत उसाँसे थे अब तक जो मैंने पाले
गीत प्यासे थे   अब तक जो  मैंने  रखे संभाले
हर गीत की चाहत में तुम चाहत बन कर आये
हर गीत की देहरी पर तुम आहट बन कर आये
यह गीत तुम्हारे है तुम से ही उपजे है
यह गीत वोह सारे हैं , करते तुम को सिजदे हैं