गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

nav varsh mangalmay ho

नव वर्ष मंगल मय हो

हर सुबह आकर सरगम बनाये  नयी
मीठी तान गा कर रात सुलाए कोई
पूनम सा दिन हो महकती शाम हो
नियामतो की बख्शीश आठों याम हो
इरादे बुलंद हों   हौंसलें बुलंद हो  
साथ हो अपनों का  उड़ान स्वछंद हो
पंख अब फैलाओगे   , दूर उड़ जाओगे
क्षितिज की सीमा हो  आकाश अनंत हो  
सृजन हो नव  सपनों का आने वाले इस कल  में
सपने हो साकार सभी ,आने वाले हर पल में
नूतन आशा ,नूतन अभिलाषा और  बढे नव  हर्ष
नव रंग का मिश्रण हो  जीवन , मंगल मय हो नव वर्ष