मुस्कान मेरी सम्पत्ति
सूरज का उगना
चंदा का छुपना
तारों का टिमटिमाना
ऋतुओं का चक्र
धरती का यूं घूमना
और घुमाना
नन्हे बीज का अंकुरित होना
सागर का नन्ही बूंदे बन कर
यूं उड़ जाना
बादल बन कर धरती पर फिर बरस जाना
क्या यह सब प्रक्रिया है ?
एक रहस्य अनदेखा, अनबोला
जिसको हर मानव ने झेला
पाला पोसा और महसूसा
किया स्वीकार हर एक अजूबा
है असंभव बदलना स्वभाव नियति का
पर है स्वयं दाता वह मुस्कान अपनी का