बुधवार, 24 अगस्त 2011

do shabad

दो शब्द
जन्म दिवस
की बधाईँ
जैसे
मंगल ध्वनि बजाती
 एक शहनाई
ढेर सारी शुभ कामनाएं
मन के अलाव में
आशा का
दीप जलाए
अनेकानेक शुभाशीष
जीवन जैसे
हो गया विश्वजीत
आभार तुम्हारा
ऐ मित्रो !
सत्कार तुम्हारा
ऐ मित्रो !
शत कोटि नमन
ऐ मित्रो !
किया शब्द सुमन
अर्पित मित्रों !