यह शहर
एक भयावह चीख
गूंजती है वीथियों से
सुनायी नहीं देती
शहर के लोग बहरे हैं
एक बुलंद आवाज़
उठती है बार बार
बोल नहीं पाती
शहर के लोग गूंगे है
दौड़ता है अपने
इरादों के साथ
मगर चल नहीं पाता है
शहर के लोग पंगु है
बुनता है ख्वाब कई
सुनंहले रुपहले
देख नहीं पाता है
शहर के लोग अंधे है
भरता है श्वास कई
ऊँची उड़ान भरने को
उड़ नहीं पाता है
शहर के लोग पंखहीन है
क्यों निवास करता है ?
ऐसे शहर में वह
जीवन कुछ गतिहीन सा
और लोग जहां मुर्दा है
एक भयावह चीख
गूंजती है वीथियों से
सुनायी नहीं देती
शहर के लोग बहरे हैं
एक बुलंद आवाज़
उठती है बार बार
बोल नहीं पाती
शहर के लोग गूंगे है
दौड़ता है अपने
इरादों के साथ
मगर चल नहीं पाता है
शहर के लोग पंगु है
बुनता है ख्वाब कई
सुनंहले रुपहले
देख नहीं पाता है
शहर के लोग अंधे है
भरता है श्वास कई
ऊँची उड़ान भरने को
उड़ नहीं पाता है
शहर के लोग पंखहीन है
क्यों निवास करता है ?
ऐसे शहर में वह
जीवन कुछ गतिहीन सा
और लोग जहां मुर्दा है