गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

कौन हूँ मैं


कौन हूँ मैं
सोते सहसा चौंक पड़ोगे
अपने हाल पे खुद ही हंस के
दीवारों से बात करोगे
तब में तुमको याद आऊँगी
तुमने मुझको हर दम  चाहा
जब महसूसा सामने पाया
बैठोगे तन्हा जब तुम भी
सोचोगे क्या खोया ,पाया
दिल का जब इतिहास लिखोगे
पीड़ा की कोमल स्याही से
हर पन्ने के हर इक हर्फ़ में
तब में तुमको याद आऊँगी
कैसा है अक्स क्या रंगत मेरी
याद करोगे तो जानोगे
साँसों का जो बनी थी हिस्सा
अब मैं हूँ तन्हाई तेरी