अध्भुत दर्शन
चलो छोड़ो जख्म पुराने सब
कुछ नये पन का एहसास करे
छोड़ कर भूली बिसरी बातें
नव रस गीत गुंजार करे
वादे की ना कुछ बात करो
यह बात नहीं अब बहलाती
जो ना हो पाए जग संभव
वह मन को पीड़ा दे जाती
देखो मौसम भी बदल रहा
यह प्राकृतिक नियम अटूट
सब कुछ बदला करता है
मैं और तुम क्यों रहे अछूत
परिवर्तन भी होता परिवर्तित
अजब काल के लेख लिखे
भाग्य की चूनर रंगत बदले
परिवर्तन के बोल कहें
लो रंग सजा लो फिर उर में
फिर होगा जीवन सहज सुखद
वादों की टूटी कड़ियों में
जुड़ जाएगा अध्भुत दर्शन
चलो छोड़ो जख्म पुराने सब
कुछ नये पन का एहसास करे
छोड़ कर भूली बिसरी बातें
नव रस गीत गुंजार करे
वादे की ना कुछ बात करो
यह बात नहीं अब बहलाती
जो ना हो पाए जग संभव
वह मन को पीड़ा दे जाती
देखो मौसम भी बदल रहा
यह प्राकृतिक नियम अटूट
सब कुछ बदला करता है
मैं और तुम क्यों रहे अछूत
परिवर्तन भी होता परिवर्तित
अजब काल के लेख लिखे
भाग्य की चूनर रंगत बदले
परिवर्तन के बोल कहें
लो रंग सजा लो फिर उर में
फिर होगा जीवन सहज सुखद
वादों की टूटी कड़ियों में
जुड़ जाएगा अध्भुत दर्शन