यादे तो कोरा दर्पण है
तेरी याद का हर लम्हा
जब जब बोझिल लगता है
आँखों से आंसू बहते हैं
दिल कतरा कतरा गिरता है
सब आवाज़े गूंगी लगती है
बहरा हो जाता कोलाहल
बिरहा से रीते पल पल में
इक आस का दीपक जलता है
रात की डोली में सज कर
जब याद दुल्हन सी आती है
अरमानो की भरी मांग
अंगडाई ले कर जगती है
यादे जीवन को उदास करे
यादे ही मन में उल्लास भरे
बन बन कर उभरे बहुरूपी
यादो से और भी प्यास बढ़े
यादे तो कोरा दर्पण है
एक अक्स दिखाया करती हैं
यथार्थऔर कल्पना के मध्य
इक संतुलन बनाया करती है
तेरी याद का हर लम्हा
जब जब बोझिल लगता है
आँखों से आंसू बहते हैं
दिल कतरा कतरा गिरता है
सब आवाज़े गूंगी लगती है
बहरा हो जाता कोलाहल
बिरहा से रीते पल पल में
इक आस का दीपक जलता है
रात की डोली में सज कर
जब याद दुल्हन सी आती है
अरमानो की भरी मांग
अंगडाई ले कर जगती है
यादे जीवन को उदास करे
यादे ही मन में उल्लास भरे
बन बन कर उभरे बहुरूपी
यादो से और भी प्यास बढ़े
यादे तो कोरा दर्पण है
एक अक्स दिखाया करती हैं
यथार्थऔर कल्पना के मध्य
इक संतुलन बनाया करती है